-->

Monday, 7 September 2015

कोन थे राधाकृष्ण जरा हटके

--कृष्ण की राधा---
राधा कौन थी ? सत्य थी या किसी कवि की
कल्पना ?राधा -कृष्ण के साथ इतनी एकाकार हो गई
थी कि उसका अलग से कोई अस्तित्व ही नहीं था !
इतनी एकात्मता बहुत ही मुश्किल से होती है !बांसुरी
कृष्ण की है,संगीत के मधुर स्वर राधा के है ! गीत कृष्ण के
अधरों के है ,उस गीत की काव्यमाधुरी राधा की है !
नृत्य कृष्ण का है ,तो चरणो की गति और झंकार राधा
की है !तभी तो हम राधा-कृष्ण कहते है !अगर राधा को
कृष्ण के जीवन से अलग कर दिया जावे तो कृष्ण के जीवन
का समस्त माधुर्य ,रसीलापन खो जायेगा !मजे की
बात तो ये है की कृष्ण अनंत लीलाओ के आधार ग्रन्थ
भागवत में राधा का नाम कम से कम हमें तो दिखाई
नहीं दिया !
ओशो कहते है की ,राधा कोई स्त्री नहीं थी !वरन एक
प्रतिक मात्र थी!वह कृष्ण का भाव थी !इसे
पौराणिक कथाओ से नहीं अपितु मनोविज्ञान की
दृस्टि से समझना चाहिए !प्रसिद्द मनोवैज्ञानिक
कार्ल जुंग ने दो ऊर्जा को बताया है "यिन"और "यांग"
स्त्रेण ऊर्जा, और पुरुष ऊर्जा इस अस्तित्व का आधार
भूत दुवंदहै !इन दोनों के समन्वय से ही जीवन बनता है !
यिन है पुरुष ऊर्जा और यांग है स्त्रेण ऊर्जा !
चूँकि कृष्ण को पूर्ण पुरुष कहा जाता है ,इस लिए उनके
साथ स्त्रेण ऊर्जा का होना आवश्यक है !अन्यथा वे
अधूरे रह जाते !ऐसे पुरुष इस संसार में बहुत कम या यों
कहिये है ही नहीं जो समूर्ण रूप से कृष्ण के सामान
सम्पूर्ण पुरुष हो !प्रत्येक पुरुष में एक स्त्री अंग होता है
,और प्रत्येक स्त्री में एक पुरुष अंग होता है !ये सम्बन्ध
नैतिक, अनैतिक नियमों से परे होता है !यह वैज्ञानिक
है, तथा ऊर्जागत है !यह सम्बन्ध पति, पति, में नहीं बन
सकता ना ही आज के तथाकथित गर्ल फ्रेंड और बॉय
फ्रेंड में भी नहीं बन पा सकता !यह संबंध ना तो
शारीरिक होता है, और ना ही भावात्मक ये सम्बन्ध
तो शुद्ध आत्मिक होता है !इसलिए व्यक्तित्व का एक
एक कण उसमे समां जाता है ! राधा सम्पूर्ण रूप में पूरी
की पूरी कृष्ण में समां गई है ! इसी लिए उसका नाम
कृष्ण के साथ पहले जुड़ा !राधे-श्याम या राधा-कृष्ण !
भाव की धारा नीचे की तरफ बहती है तो उसमे
अशुद्धियाँ मिली होती है ! जब ये ही धारा ऊपर की
दिशा में बहती है तो राधा बन जाती है ! शायद कृष्ण
की गोपियों में से ही कोई स्त्री कृष्ण के प्रति इतनी
समर्पित हो गई की वह राधा बन गई !
क्या कोई स्त्री आज भी राधा बन सकती है ?इस प्रश्न
से पहले हमें यह पूछना पड़ेगा की आज कोई कृष्ण है कही ?
अगर हां, तो आज भी एक स्त्री उस कृष्ण की राधा
अवश्य है
अमृता साधना
ओशो मेडिटेशन
पुण

Share this:

Related Posts
Disqus Comments