मना कर सकती है। लेकिन मुंबई में दो हफ्ते पहले जन्मी इस
बच्ची के साथ यही हो रहा है। जन्म से ही बूढ़ी दिखने
वाली यह बच्ची इंट्रा-यूट्रीन ग्रोथ रिटार्डेशन नाम
की बीमारी से पीडि़त है। यह बच्ची पैदायशी
बुढिय़ा जैसी दिखती है इसका चेहरा और शरीर
झुर्रियों से भरा पड़ा है और बहुत ही कमजोर है। इसके
मां-बाप ने इसे अपनाने से मना कर दिया है।
इंट्रा-यूट्रीन ग्रोथ रिटार्डेशन नाम की बीमारी से
ग्रसित इस बच्ची का मुंबई के वाडिया अस्पताल में
इलाज चल रहा है। इसका वजन 800 ग्राम है और यह 7
महीने में ही पैदा हुई प्रीमेच्योर बच्ची है। बच्ची की
देखभाल की जिम्मेदारी अब इसके दादा ने उठायी है।
वे अकेले ही इसे मुंबई से 138 किमी दूर अपने गांव से
इलाज कराने के लिए लाए। बच्ची को जिंदा रखने के
लिए बकरी का दूध पिलाया जा रहा है। गांव के
सभी लोग इस बच्ची को देखने तो आए लेकिन किसी ने
उसे गोद में नहीं लिया क्योंकि उन्हें डर था कि यह
बीमारी कहीं उन्हें भी न लग जाए। वहीं अस्पताल ने
बच्ची के इलाज का खर्च उठाने की बात कही है।
बच्ची के इलाज में करीब 5,00,000 रूपए लगेंगे।
बच्ची के दादा ने कहा है कि वह अपनी पोती का
साथ नहीं छोडेंगे क्योंकि अपनी इस हालत के लिए वह
खुद जिम्मेदार नहीं है।
